पूजा का शुभ मुहूर्त

Diwali Kab Hai/ Deepawali kab hai :पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाएगी। इस साल दिवाली(दिवाली कब है) का पर्व देशभर में 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। 12 नवंबर को अमावस्या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी और 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी।

परिचय

भारतीय संस्कृति में दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे प्रकाश और रात के खेल के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव कार्तिक, हिन्दू पंचांग के आखिरी महीने, कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। “दीपावली” शब्द का अर्थ है “दीपों की पंक्ति”, जिसका अर्थ है “चमकते हुए दीपों की पंक्ति”। यह त्योहार जीवन की खुशियों का प्रतिनिधित्व करता है और प्रेम, सामाजिक समरसता और सजीवता का महत्वपूर्ण पैमाना है। इस लेख में हम दीपावली 2023 के रंगों, रौनक और खुशी का विश्लेषण करेंगे।

धार्मिक महत्व

हिन्दू धर्म में दीपावली का बहुत महत्व है। विभिन्न कहानियों और धार्मिक कार्यक्रमों से इसे मनाया जाता है। एक प्रमुख कहानी कहती है कि भगवान श्री राम के अयोध्या लौटने पर परिवार को दीपावली दी गई थी। रामायण में बताया गया है कि श्री राम, राजा दशरथ के पुत्र, अपने पिता के राज्याभिषेक के लिए अयोध्या आए थे, जहां उनका स्वागत उनके पुत्रों और उनके लोगों ने असंख्य दीपों से किया था। सामाजिक समरसता, परिवार का महत्व और धार्मिक मूल्यों का सम्मान इस उत्सव से दिखाई देता है।

दीपावली के उत्सव के रंग

1>रंगों की बात

 दीपावली में रंगों का खास महत्व है। विभिन्न रंग घरों को सजाते हैं। दीपावली के उत्सव के दौरान, रंगों से भरपूर दृश्य उत्तर भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

2>चित्रकला का प्रदर्शन: 

दीपावली के उत्सव में कला का एक अलग प्रदर्शन होता है। लोग घर को सुरक्षित और खुश बनाने के लिए मिट्टी, रंग और फूलों से रंगोली बनाते हैं। चित्रकला भी जीवंत और प्रेरणादायक संदेशों को व्यक्त करती है।

3>पटाखों का उपयोग: 

दीपावली पर अक्सर पटाखे जलाए जाते हैं। यह परंपरागत रूप से खुशी और उत्साह का प्रतीक होता है, लेकिन हमें भी पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी से पटाखों का उपयोग करना चाहिए।

रौनक की बजाय, बेहतर रौनक के उपाय

1>प्रकाश संवर्धन:

दीपावली के दिन हमें विद्युत उपकरणों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। बिना आवश्यकता के बिजली की बर्बादी को कम करने के लिए प्रकाश संवर्धन करना आवश्यक है।

2>ध्वनि प्रदूषण को कम करना:

पटाखों का उपयोग करते समय हमें ध्वनि प्रदूषण को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। बिना आवश्यकता के ज़ोरदार पटाखों का उपयोग न करें और ध्वनि को सुरक्षित रखें।

3>प्राकृतिक सौंदर्य की देखभाल:

पटाखों का उपयोग करते समय हमें ध्वनि प्रदूषण को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। बिना आवश्यकता के ज़ोरदार पटाखों का उपयोग न करें और ध्वनि को सुरक्षित रखें।

दिवाली कब है

आनंद और समृद्धि

दीपावली के उत्सव में खुशी और धन का महत्वपूर्ण स्थान है। यह उत्सव सामाजिक और व्यक्तिगत खुशियों का प्रतीक है। लोग मिलकर समय बिताने का आनंद लेते हैं, खासकर जब उनके साथ उनके दोस्त और परिवार होते हैं।

समाज सेवा का पारंपरिक तत्व

दीपावली उत्सव में समाज सेवा बहुत महत्वपूर्ण है। यह परंपरा हमें याद दिलाती है कि हमें अपने समाज और समुदाय को विकसित करने में भाग लेना चाहिए। हम गरीबों की मदद कर सकते हैं बिना किसी आवश्यकता के खर्च किए।

निष्कर्ष

दीपावली 2023 रंग, उत्सव और खुशी के साथ आने वाली है। यह त्योहार आपको विभिन्न प्रकार के आयोजनों, धार्मिक रस्मों, और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर देता है। ताकि हम सभी मिलकर एक बेहतर और समृद्ध समाज की दिशा में कदम उठा सकें, हमें पर्यावरण संरक्षण, समाज सेवा और सामाजिक समरसता के महत्व को समझने का प्रयास करना चाहिए।